‘पिछत्तर वर्षीय गुलाब चंद ने अचानक अपनी चालीस वर्षीय पोलियोग्रस्त नौकरानी बबली से विवाह कर लिया’ यह खबर, कॉलोनी में आग की तरह फैल गई।
‘कुछ ही समय पूर्व तो उन्हे ज़बरदस्त हार्ट अटैक पड़ा था और अब यह विवाह..’,मस्तिष्क में शंका थी।
“यह सब क्या..विवाह इस उम्र में..तुम्हे शर्म नहीं आती..जानते हो कितनी बदनामी हो रही है तुम्हारी”,मैंने अपने मित्र गुलाब के सामने जाते ही प्रश्न पर प्रश्न दागे तो, वह गम्भीर होकर बोला।
“तू जानता है पत्नी के मरने के बाद से मैं अकेला हूँ। बेटे बहू विदेश में मस्त हैं..एक अनाथ अनपढ़ बबली है जो एक बीस वर्ष से जी जान से मेरी सेवा करती है… पर मेरी मृत्यु के बाद उसका कोई सहारा नहीं होगा..पोलियोग्रस्त होने के कारण उसे जल्दी नौकरी भी नहीं मिलेगी। मेरे पास भी पैंशन के अतिरिक्त और कुछ नहीं है जिससे मैं उसकी मदद कर सकूँ…“
“तो..”?
“मेरी मृत्यु के बाद बबली का विधवा पैंशन से गुज़ारा तो हो जायेगा ”
“मतलब तू सरकार को चूना लगा रहा है”
“नहीं..बल्कि सरकार से एक बेसहारा को सम्मान से जीने का हक़ दिलवा रहा हूँ तू बता क्या मैं ग़लत हूँ”,?
मंजू सक्सेना
लखनऊ
मो.9335444332
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