कविता -उत्तम कुमार

  क्यारी के फूल "


मैने अपनी प्यारी क्यारी मे तरह तरह के पेड़ लगाए ।
फूलो के कुछ पेड़ लगाये जो अपना परिचय देते है।।
कुछ थे पत्र दलों के पौधे कुछ थे केवल सज्जा के ।
सब पेड़ो के झुरमुठ से हरी भरी थी मेरी क्यारी प्यारी ।।

फूल खिले थे सब अपने मौसम के अपना सौंदर्य दिखाते ।
कुछ के खुशबु से महकने लगी गली छत आगन औ चौबारे ।।
कुछ फूल लिये थे रंग सफेदा कुछ थे नीले पीले ।
कुछ नारंगी लाल बैगनी कुछ थे न्यारे प्यारे प्यारे ।।

बेला ,चम्पा ,गुलशब्बो , गुलखैरु ,अपना रूप दिखाए ।
अल मस्त जवानी लिए हुए गुलमेंहदी, चंद्रमल्लिका इतराये ।।
जूही ,नरगिस,रातरानी,कमलिनी ,कामिनी,देख सभी को मुस्काये ।
गेंदा,गुलअब्बास,गुलाब,गुलैन्ची,गन्धराज,अपनी सुगंध फैलाये ।।

अपराजिता,अमलतास ,आँकुरी बाँकुरी, सब है प्यारे प्यारे ।
गुलेअशर्फ़ी,गुलेतूरा,गुड़हल,बनफूल, द्रौपदी माला पहनाये ।।
रंगअनेको फूलो के कोई सुर्ख,धनी जर्द सब अपना भेद बताये ।
चम्पई,सब्ज,आसमानी, काले,और बसंती अपना रूप दिखाए ।।
हमने अपनी प्यारी क्यारी मे तरह तरह के फूल लगाए ।

" जा कर पेड़ लगाइये " 

जा कर पेड़ लगाइये 
पीपल बरगद गुलर आम 
बैठ कर छाया लीजिये 
लगे न देही मा घाम ।।

पीपल देता अक्सीजन 
बरगद करता हष्ठ पुष्ट तन जान 
गुलर आँखो के लिए 
आम देव फल जान ।।

अर्जुन का पेड़ लगाइये 
बासी मुँह पियो छाल  
ह्रदय रोग से मुक्ति मिले 
कबो न जाए जान ।।

जामुन का बृक्ष भी 
दिव्य गुणों से है भरपूर
जामुन का सिरका बनाओ 
गुठली करे शुगर को दूर ।।

महुवा नीम की क्या बात करे 
इनकी महिमा अपरमपार
महुवा वात पित्त कफ नाश करे 
नीम शुगर चर्म रोग की दुश्मन जान ।।

ऐसे पेड़ लगाइये 
करिये जनहित का काम 
आप अमर हो जाएंगे 
जग मे होगा नाम ।।



उत्तम कुमार तिवारी " उत्तम " 
लखनऊ
उत्तर प्रदेश 
भारत

 

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