चित्र पर कविता में आशा अंडमानी की रचना

  गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह
30 मई से 05 जून 2024 तक
आनलाइन कार्यक्रम का दूसरा दिन
दिनांक 31/05/2024
चित्र लेखन

क्यों काटते हो वृक्ष को
यूं बार बार तुम
गर न रहे ये वृक्ष तो
मर जायेंगे जी हम
भूख लगे तो फल ये देता
वर्षा कर गर्मी को हरता
शीतल छाया में बैठो तो
तन मन सुख से भर देता
क्यो वंचित इस सुख से
करते प्राणी को तुम
छाल मूल कंद दे स्वयं का
रोगों से ये करता निदान
सूखे पत्ते शाख जला के
जाड़े में भरता प्राण
क्यों जीवनोपयोगी डोर को तोड़ते हो तुम
जीवन का ये साथी प्यारा
सब जानते ये बात
मार कुल्हाड़ी इस पर
क्यों देते हो आघात
रूख जाओ जरा सोचो
क्या कर रहे हो तुम
क्यों काटते हो वृक्ष को
यूं बार बार तुम
#आशुअंडमानी24



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