सुबह की किरण
निकलने के पहले ही
कलरव करती
इस डाल से उस डाल
फुदकती हुई
उजाले में
चल देती है छोड़ कर
अपना घोंसला
बच्चों के पेट के खातिर
दाने की तलाश में
साथ में भरना है
खुद का भी पेट
कितनी दूर जाना होगा
दानों के लिए
नहीं जानती वह
जानती है तो बस
लौटकर आने पर
घोंसले में असुरक्षित बच्चों को
सुरक्षित देखना
माँ और ममता की तरह
झूलेलाल कॉलोनी, हरिपुरा
विदिशा 464001 (म.प्र.)
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