गोपाल राम गहमरी (1866-1946) हिन्दी के महान सेवक, उपन्याकार तथा पत्रकार थे। वे 38 वर्षों तक बिना किसी सहयोग के 'जासूस' नामक पत्रिका निकालते रहे, २०० से अधिक उपन्यास लिखे, सैकड़ों कहानियों के अनुवाद किए, यहां तक कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर
की 'चित्रागंदा' काव्य का भी (पहली बार हिंदी अनुवाद गहमरीजी द्वारा किया
गया) अनुवाद किए। वह ऐसे लेखक थे, जिन्होंने हिंदी की अहर्निश सेवा की,
लोगों को हिंदी पढऩे को उत्साहित किया, ऐसी रचनाओं का सृजन करते रहे कि
लोगों ने हिंदी सीखी। वैश्य परिवार में जन्में भारत में जासूसी शब्द के जनक कहे जाने वाले गोपालराम गहमरी पर आज कई विश्वविद्यालयों में शोध हो रहे हैं। उनकी जासूसी कहानियॉं आम जनमानस को ऐसी लगती थी जैसे वह उनके साथ ही घटित हो रहा है। ऐसे महान लेखक के नाम पर उनकी जन्म स्थली गहमर में वर्ष 1972 से गोपालराम गहमर सेवा संस्थान द्वारा गोपालराम गहमरी साहित्य एवं कला मंच की स्थापना कर क्षेत्र में साहित्य एवं कला के विकास के साथ-साथ गोपालराम गहमर पर शोध करने वालों की पर्याप्त मदद की जाती रही। गाेपालराम गहमरी सेवा संस्थान के इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाते हुए साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा 19 अगस्त 2024 से श्री गोपकुमार मिश्र जयपुर, डाक्टर रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी, श्रीमती रमा वर्मा नागपुर, श्री मृतुजंय सिंह अध्यक्ष गाेपालराम गहमरी सेवा संस्थान गहमर, योगेन्द्र नाथ सिंह महामंत्री गोपालराम गहमरी सेवा संस्थान गहमर, ओम जी मिश्र लखनऊ एवं अखंड प्रताप सिंह संपादक साहित्य सरोज के नेतृत्व में देश के प्रत्येक राज्य एवं प्रत्येक जिले में गोपालराम गहमरी साहित्य एवं कलामंच की स्थापना कर शहर-शहर, गॉंव-गॉंव में
(01) गोपालराम गहमरी एवं उनकी कृतियों, कहानियों पर जागरूकता फैलाने का कार्य।
(02) जासूसी कहानी एवं संस्मरण लेखन पर जागरूकता।
(03) स्वरोजगार, पर्यावरण एवं स्वस्थ एवं फिटनेस के प्रति जागरूक समस्या समाधान।
(04) टूटते परिवार को बचाने के समझौता घर एवं एकांतवाश में जी रहे बुजुर्गो के मनोरंजन,देखभाल का कार्य
(05) प्रतिभा पलायन एवं प्रतिभा प्रदर्शन के लिए कार्य।
अपनी इस योजना को जन-जन तक पहुँचाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यकारणी, प्रदेश कार्यकारणी, एवं जिला ईकाई की स्थापना की जायेगी। जिसमें शहर/नगर/गॉंवों के साहित्यकारों, कलाकारों, व्यापारियों, समाजसेवीयों,सहित आम जनमानस को स्थान दिया जायेगा। आप यदि मंच से जुड़ना चाहे ताे नीचे दिये फार्म को भरें, हम आपसे संम्पर्क करेगें।
(02) जासूसी कहानी एवं संस्मरण लेखन पर जागरूकता।
(03) स्वरोजगार, पर्यावरण एवं स्वस्थ एवं फिटनेस के प्रति जागरूक समस्या समाधान।
(04) टूटते परिवार को बचाने के समझौता घर एवं एकांतवाश में जी रहे बुजुर्गो के मनोरंजन,देखभाल का कार्य
(05) प्रतिभा पलायन एवं प्रतिभा प्रदर्शन के लिए कार्य।
अपनी इस योजना को जन-जन तक पहुँचाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यकारणी, प्रदेश कार्यकारणी, एवं जिला ईकाई की स्थापना की जायेगी। जिसमें शहर/नगर/गॉंवों के साहित्यकारों, कलाकारों, व्यापारियों, समाजसेवीयों,सहित आम जनमानस को स्थान दिया जायेगा। आप यदि मंच से जुड़ना चाहे ताे नीचे दिये फार्म को भरें, हम आपसे संम्पर्क करेगें।
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