बच्चों की किलकारी,
घर की शोभा प्यारी,
महकता घर का कोना,
पूरा हो सपना सलोना,
झूमा घर का हर कोना,
जीवन हुआ सुहाना,
बना नया फिर तराना,
शमा है खूब निराला,
प्रभु ने खुशियां बरसायी,
तन मन उमंगित हुआ,
मन का पुष्प खिला,
बेटे ने जब बोला मां,
प्यारी सी शैतानी,
वो हठ खूब करना,
रूठ जाने फिर मान जाना,
फिर से नयी जिद करना,
पा जाने पर मुदित हो जाना,
खुशियों की किलकारी,
महके घर की बगिया प्यारी।
वन्दना त्रिपाठी
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