प्रेम-डॉ शीला शर्मा

प्यार किसी से करना लेकिन,
कह कर उसे बताना नहीं।
अपने को अर्पण करना,
पर कहकर उसे जताना क्या।
प्रेम अंक में पले शिशु
प्रेम बार-बार उसे रुलाना क्या।
हृदय देखकर ह्रदय पाने की
आशा व्यर्थ लगाना क्या।
सुमनों से भी कोमल
हृदय बार-बार मुरझाना क्या।
प्रेम रस में घुल जाना पर,
प्रेम पास फैलाना क्या।
प्यार किसी से करना लेकिन,
 कह कर उसे जताना क्या।
डॉ शीला शर्मा
बिलासपुर



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