बेटी दिवस पर!
कभी गौर किया है!
मां को बेटा बाप को बेटी!
कयों चाहिए!
हम मां बेटे में!
सुरक्षा और बेटी में दुर्बलता!
देखती हैं, बाप बेटी में कोमलता!
मां का संबल पति ना हो!
बेटे में अपना राम और कृष्ण!
दोनों देखती है, जानती हैं!
कोई हो ना हो!
एक बेटा अपनी मां का!
आईना होता है!
जैसी मां वैसा बेटा होता है!
सच है बेटी होना चाहिए!
एक मां से पूछो बेटी!
कयों नहीं होना चाहिए!
पल पल दस्तक देते शैतान!
मां जानती है पिता नहीं!
उसे पता है दायरा अपना!
जहाँ ना उम्र मायने रखती है!
ना ही रिश्ते एक जिस्म चाहिए!
नोचने को हर रुप में शैतान बैठे हैं!
नहीं छोड़ सकती अपनी लाड़ली अकेले!
चाहे पति हो या ससुराल!
बंद करो भेद-भाव!
बेटा हो या बेटी उसकी रहमत!
जो दे दे सहर्ष करो स्वीकार!
बेटियों को मुद्दा नहीं!
इंसान जान लो!
ना देवी बनना चाहती ना ही!
महान बस उसे उसका बेटी!
होने का हक दे दो!
ना संपत्ति में हिस्सा ना बटवारा चाहिए!
एक सकुन एक भरोसा दे दो!
तू जी हम हैं बस तू जी!
ना उड़ ना दौड़!
बस जी निश्चित जी!
ना कमा कोई गम नहीं!
घर में रह बस लक्ष्मी बन!
सीता सा तप तो!
राधा सा प्रेम कर!
तुम हमारी धरोहर हो!
तुम्हारी रक्षा हमारा!
प्रण और प्राण हैं!
रोका नहीं आसमां नाप!
बस फिर तू और
तेरी तलवार हो साथ
रानू शुक्ला
जूनागढ़,
तेरी तलवार हो साथ
रानू शुक्ला
जूनागढ़,
district rajnandgaw
/9340751399
/9340751399
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