डॉ सुषमा पांडे को "लौह महिला साहित्य सरोज गौरव तो डॉ अलका यादव को शिक्षक सम्‍मान।

 साहित्य सरोज त्रैमासिक पत्रिका, गहमर, गाजीपुर, उत्तरप्रदेश के तत्वावधान में बिलासपुर में "एवरग्रीन मिसेज छत्तीसगढ प्रतियोगिता" का आयोजन किया गया । साहित्य सरोज के संपादक श्री अखंड प्रताप सिंह "गहमरी" के मार्गदर्शन में साहित्य सरोज छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ शीला शर्मा जी के द्वारा सिद्धि मुस्कान भवन सरकंडा बिलासपुर में 8 सितंबर को मिसेज छत्तीसगढ़ प्रतियोगिता कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ ।
जिसमें विशेष क्षेत्र में योग्यता हासिल की हुई सशक्त महिलाओं को सम्मानित किया गया । महिला सशक्तिकरण के दिशा में डॉ सुषमा पंड्या जी को "साहित्य सरोज लौह महिला सम्मान" से सम्मानित किया गया ।यह सम्मान उनके द्वारा बाइक से संसार के सबसे उंचे रोड उमलिंगला पास ऊंचाई 19024 फिट है वहां तक जाकर इन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। यह कार्य उन्होंने 63 वर्ष की आयु में पूर्ण किया है और डॉ सुषमा संसार की प्रथम उम्रदराज महिला हैं जो स्वयं बाइक चलाकर प्रत्येक कठिनाइयों एवं अड़चन को पार करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में सफलता हासिल की है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश के साहित्य सरोज के द्वारा इन्हें साहित्य सर्वोच्च लोग महिला सम्मान से सम्मानित किया गया। इनकी यात्रा का उद्देश्य "बाल शिक्षा महिला सुरक्षा" और "सशक्त नारी सशक्त भारत" था।
डॉ रितेश मिश्रा विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग रमन यूनिवर्सिटी कोटा बिलासपुर ,को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु गौरव सम्मान दिया गया।
डॉ सरिता पांडे जी सहायक प्राध्यापक हिंदी शासकीय महाविद्यालय जांजगीर, को उत्कृष्ट साहित्य सरोज गौरव सम्मान प्रदान किया गया इनके छत्तीसगढ़ी साहित्य में राम काव्य परंपरा पर किए गए शोध कार्य को पाठ्य पुस्तक में सम्मिलित किया जाना है।
डॉ अलका यादव सहायक प्राध्यापक पी एन एस कॉलेज बिलासपुर ,जो नमामि गंगे की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं इन्हें साहित्य सरोज शिक्षक गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया ।
महिला सशक्तिकरण एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्येय रखकर यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।
उत्तर प्रदेश के त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज के द्वारा यह गौरव सम्मान प्रति चार साल में एक बार किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओ को "गहमर सम्मेलन" में दिया जाता है लेकिन साहित्य सरोज के संपादक ने यह गौरवशाली सम्मान हमारे बिलासपुर के इन सशक्त महिलाओं को बिलासपुर की भूमि में आकर प्रदान किया जिससे इन सशक्त महिलाओं के साथ-साथ सभी महिलाओं का मान बड़ा है।


 

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