मुस्कान- सीमा रानी

मुस्कान रूपी दीपक जो अंधेरों में जलता,
दुखों के बादल को हल्के से ढलता।

चेहरे पर सजी ये अद्भुत कहानी,
दिल के जख्मों पर रखे जो पानी।

 टूटे दिलों को मुस्कान जोड़ती है ,
भटके हुए को सही राह मोड़ती है।

तूफानों में जैसे किनारा मिल जाये ,
मुस्कान से हर मुश्किल पल में संवर जाए।

सजीव करती है मुरझाई शाखों को,
भर देती है एक उम्मीद नई आँखों को।

चुपके से सहला जाती दुःखी दिलो को ,
खामोशियों में भी गुनगुनाती हर पलो को ।

ये झरना है जो कलकल बहता रहे,
सुख-दुख के हर रंग को सहता रहे।

मुस्कान से खिलता है सारा जहाँ ,
ये खुदा का है सबसे प्यारा तोहफा ।

आँखो में आँसू किसी के ना आये 
होठों से मुस्कान कभी जाने ना पाये।

दुनिया की सबसे अनमोल पहचान,
तुम्हारे चेहरे की प्यारी सी मुस्कान।

 सीमा रानी 
शिवपुरी 
 पटना

 

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