सपनों में रख आस्था
कर्म तू किए जा,
त्याग से ना डर
आलस परित्याग किए जा।
जीवन में मत घबरा ,
आगे बढ़ जा
गलती कर ना घबरा,
गिरकर फिर हो जा खड़ा।
समस्याओं को रास्तों से
निकाल दे,
चट्टान भी हो तो
ठोकर से उछाल दे ।
हर समस्या का हल भी
तू है इतना समझ जा।
रख हिम्मत तूफानों से
टकराने की,
जरूरत नही है
किसी मुसीबत से
घबराने की जरूरत नहीं।
जो पाना है बस उसकी
एक पागल की तरह चाहत कर,
करता रह कर्म मगर
साथ में खुदा की
इबाबत भी कर ।
फिर देख किस्मत क्या
क्या रंग दिखलाएगी,
तुझको तेरी मंजिल
मिल जाएगी,
मंजिल मिल जाएगी।
दिव्या सिंह
बिलासपुर
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