वाराणसी: गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज के 11वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम वाराणसी में पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा स्थापना काशी सेवा समिति के महामना सभागार में 24 जनवरी को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूटान के पूर्व सांसद हरिप्रसाद अधिकारी एवं विशिष्ठ अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पुरातन दर्शन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर हरिप्रसाद अधिकारी जी रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ पत्रिका के संपादक अखंड प्रताप सिंह ने मॉं भारतीय के चित्र पर मात्यपर्ण करके किया, इसके बाद अतिथियों द्वारा साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा प्रारंम्भ किये जा रहे यूटियूब चैनल ए0एस0 चैनल बातें आपकी, साहित्यकारों के कहानीयों को डिजीटल करने की योजना डिजीटल साहित्य एवं साहित्यकारों एवं कलाकारोंं के परिचय मिशन जाने-पहचाने, पत्रिका द्वारा स्थापित स्टूडियों एवं शार्ट फिल्म निर्माण की शुरूआत के साथ-साथ पत्रिका के संपादक मंडल का विस्तार किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष एवं काशी सेवा समिति के सभापति एडवोकेट डॉ. रामअवतार पाण्डेय ने कहा कि त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज न सिर्फ वरिष्ठ साहित्यकारों एवं युवा रचनाकारों के बीच का संगम है बल्कि वह सनातन धर्म की एक प्रमुख सेविका है। यह पत्रिका वरिष्ठ रचनाकारों के अनुभव एवं योग्यता को नये रचनाकारों को बता कर उनमें सीखने की ललक पैदा करती है। यह पत्रिका सनातन धर्म की सेवा के लिए उसकी सभ्यता एवं संस्कृति को जोड़ने के लिए कार्य करती है।
सभा को संबोधित करते हुए काशी हिन्दी विद्यापीठ के कुलसचिव कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक ने कहा कि आज हम लोगों के लिए गर्व का विषय है कि आज हम लोग एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े गॉंव गहमर से प्रकाशित एक ऐसी पत्रिका का 11वॉं वर्षगॉंठ मना रहे है जिसने अपने दम देश ही नहीं विदेश में भी अपना पचरम लहराया है। हमें उम्मीद है कि जिस प्रकार यह पत्रिका आगे बढ़ी है उसी प्रकार आज शुभारंभ होने वाला यूट्यूब चैनल भी अपना परचम लहरायेगा।
पत्रिका के विषय में जानकारी देते हुए संपादक अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि 14 वर्षो की अमर उजाला समाचार पत्र की पत्रकारिता के बाद 2014 में इस पत्रिका की नींव स्वर्गीय श्रीमती सरोज सिंह द्वारा वरिष्ठ रचनाकारों/लेखकों एवं नये साहित्यकारों के बीच सीखने-सिखाने के उद्वेश्य एवं सभ्यता एवं संस्कृति के स्थानान्तरण एवं ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्र की प्रतिभाओं के उत्थान के उद्वेश्य से किया गया था। जिसमें आपके आशीर्वाद से पत्रिका पूरी तरह सफल रही है। आज 11 वर्षो के बाद पत्रिका ने अपने संपादक मंडल में विस्तार किया है और तीन नई योजनाएं अपने पाठकों एवं साहित्यकारों के लिए किया है। जिसमें जाने-पहचानें, डिजीटल साहित्य, एवं एस एस न्यूज चैनल आपकी बातें शुरू किया है। इसके साथ साथ पत्रिका स्थानीय कलाकारों के उत्थान में अपना विशेष योगदान देगीं।
कार्यक्रम के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें माधुरी मधु, भुलक्कड़ बनारसी, राजनारायण गुप्ता कैमी जी, अंकिता मिश्रा, संगीता श्रीवास्तव इत्यादि ने काव्यापाठ किया।
इस अवसर पर काशी हिन्दी विद्यापीठ के द्वारा विद्या-वाचस्पति विशेष मानद सम्मान: भारतेन्द्र सिंह, निशा सिंह, ममता सिंह, विपिन कुमार शुक्ला, सचिन कुमार सिंह, अश्वनी कुमार जायसवाल, श्रीपाल शर्मा, कपिल शर्मा, धर्मेंद्र कुमार सिंह, अरुण कुमार मिश्र गुंजन, कपिल शर्मा को विद्यावाचस्पति सम्मान से सम्मान किया गया।
इस अवसर पर डॉ. गिरीश पांडेय बनारसी, डॉ. ओमप्रकाश पांडेय निर्भय, डॉ. ओमप्रकाश द्विवेदी ओम्, सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, डॉ. उदय शंकर भगत, रामानंद सैनी एडवोकेट, प्रख्यात भजन गायिका अनिता मिश्रा, चिंतित बनारसी, अनुज दुबे अडिग, सौरभ पांडेय (आर्या पब्लिकेशन), अरुण कुमार श्रीवास्तव, राजनारायण गुप्ता कैमी, डॉ. अविनाश सिंह, अशोक श्रीवास्तव भुलक्कड़ बनारसी, हरिशंकर परसाई, नीरज प्रजापति, सत्येंद्र कुमार उपाध्याय, शारदा अधिकारी, संगीता श्रीवास्तव, माधुरी मधु, डॉ. राजेश तिवारी मक्खन, राहुल सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक ने किया।
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