सखियों से इजाज़त माँग के आई थी
बाबुल की दहलीज़ लॉँघ के आई थी
मैके की चौखट से अश्कों को बाँथ के आई थी
नई-नवेली दुल्हन जब ससुराल आई थी।
नई हसरतें, नए ख्याल लाई थी
आँखों में उमंगो की उबाल लाई थी
नई नवेली दुल्हन जब ससुराल आई थी।
वो इठलाती चांदनी के समान आई थी
दिल की दरिया मे बहती अरमान लाई थी
पलर्कों पे सपनों की दुकान लाई थी
होंठों पे मीठी-सी मुस्कान लाई थी
नई-नवेली दुल्हन जब ससुराल आई थी।
खुशियों की रिमझिम बरसात लाई थी
घुंघट में छुपा के चाँद की सौगात लाई थी
खिलखिलाती खशबू, सोलह श्रृंगार लाई थी
रूनझुन रूनझुन पायल की मधुर झँकार लाई थी
डोली मे भर के एक जिन्दगी खुशहाल लाई थी
नई नवेली दुल्हन जब ससुराल आई थी ।
गीतकार: दिनेश कुमार राय
शिक्षक (अंग्रेजी)
उच्च माध्यमिक विद्यालय, जमालुद्दीन चक, दानापुर, पटना
पता: चंद्रशेखर नगर, पूर्वी गोला रोड, बेली रोड, पटना
मोबाइल नं : 9771294806
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