झूलों - फूलों का यह घर,
कितना प्यारा - प्यारा है ।
आओ बच्चों तुम्हें बताएं,
किसका खेल ये सारा है ।।
कैसे शुद्ध हवाएँ हैं ?
कैसे खिली दिशाएँ हैं ?
कैसे प्यारे पेड़ लगे ?
कैसे सारे ढेर लगे ?
कैसे सजा ये झूलों से ?
कैसे सजा ये फूलों से ?
धूप - छाँव जो प्यारा है ।
पानी - हवा सहारा है ।।
यही खुशी तो सारा है ।
पर्यावरण हमारा है ।।
माली भैया रखवाला है ।
इसको खूब संवारा है ।।
सुभाष श्रीवास्तव
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश
8460711201
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